
हमारे साथ हैं श्री मात तो किस बात की चिंता
हमारे साथ हैं श्री मात तो किस बात की चिंता
ह्रदय में रख लिया उन्हें साथ तो किस बात की चिंता
हमारे साथ हैं श्री मात तो किस बात की चिंता
किया करते हो तुम दिन-रात क्यूँ बिन बात की चिंता
किया करते हो तुम दिन-रात क्यूँ किस बात की चिंता
तेरी माता।
तेरी माता।
तेरी माता को रहती है तेरी हर बात की चिंता
तेरी माता को रहती है तेरी हर बात की चिंता
हमारे साथ हैं श्री मात तो किस बात की चिंता
न पाने की, न खोने की न जीने की न मरने की
न पाने की, न खोने की न जीने की न मरने की
करूँ हर श्वास
करूँ हर श्वास
करूँ हर श्वास में दिनरात तेरे नाम की चिंता
रहे हर श्वास में दिनरात तेरे नाम की चिंता
हमारे साथ हैं श्री मात तो किस बात की चिंता
हृदय बैठी है मेरी मात तो किस बात की चिंता
भयाकुल ब्रह्मा को जब आप ने माते दिया दर्शन
उठे श्री विष्णुजी तत-काल करने को असुर मर्दन
महाकाली
महाकाली
महाकाली के इस प्रिय लाल को क्या काल की चिंता
महालक्ष्मी के इस प्रिय लाल को किस बात की चिंता
हमारे साथ हैं श्री मात तो किस बात की चिंता
हुई ‘अज्ञात’ पर किरपा बनाया पुत्र माँ अपना
हुई ‘हमपर’ भी ये किरपा बनाया पुत्र माँ अपना
उन्ही के हाँ
उन्ही के हां
उन्ही के हाँथ में अब हाथ तो किस बात की चिंता
उसी का नामजप दिन रात तो किस बात की चिंता
हमारे साथ हैं श्री मात तो किस बात की चिंता
तुम्ही सविता, तुम्ही दुर्गा, तुम्ही काली तुम्ही बाला
तुम्ही से सृष्टि का उद्गम तुम्ही ने है इसे पाला
हुई जब देवों को चिंता तुम्ही ने सब असुर मारे
विपत् है आज हम पर माँ इसे अब कोउ ना टारे
तुम्ही से एक है आशा खड़े है माँ तेरे द्वारे
हमें विश्वास
हमें विश्वास
हमें विश्वास है तुम पर तुम्हारे नाम पर माता
जगोगी तुम अभी उठकर करोगी सब दूर हो चिंता
हमारे हृदय में श्री मात तो किस बात की चिंता
हमारे साथ हैं श्री मात तो किस बात की चिंता !
-अज्ञातदर्शन आनंद नाथ
So simple to hear so difficult to practice!